हाल ही में देश के सिनेमाघरों में एक फिल्म आई ‘द गाजी अटैक’ जिसे दर्शकों ने खूब सराहा. इस फिल्म का मुख्य केन्द्र बिंदु था पाकिस्तान का युद्ध पोत पीएनएस गाजी, जो भारत के युद्ध पोत आईएनएस विक्रांत को तबाह करने के लिए आया था, लेकिन वह विक्रांत तक पहुंच पाता, इससे पहले भारत की पनडुब्बी एस -21 ने उसे तबाह कर दिया. पनडुब्बी एस-21 तो तो महज एक उदाहरण जिसके सामने दुश्मन की एक न चली. हालाँकि, समुद्र में तबाह हुई पाकिस्तानी पनडुब्बी ‘गाज़ी’ के बारे में भारत के ऑफिशियल दस्तावेज कुछ ख़ास जानकारी नहीं देते हैं तो पाकिस्तान कहता है कि आतंरिक विस्फोट से वह पनडुब्बी डूब गयी थी. पर कई बातें बिटविन दी लाइन्स होती हैं. वैसे, भारत में ऐसे ढ़ेरों युद्ध पोत हैं जो पलक छपकते ही दुश्मन देश के नापाक इरादों पर पानी फेरने मेंं सक्षम हैं. तो आइये जानें देश के ऐसे ही समुद्री योद्धाओं के बारे में:
आईएनएस विक्रांत
विक्रांत का नाम संस्कृत के विक्रान्ता से लिया गया था, जिसका अर्थ होता है ‘हदें पार करना. अपने नाम के मुताबिक विक्रांत ने हर मौके पर खुद को प्रमाणित किया है. दुश्मन विक्रांत को नष्ट करने के लिए कई हथकंडे अपनाते रहे, लेकिन विक्रांत ने कभी हार नहीं मानी और दुश्मन को कड़ी टक्कर दी. बताते चलें कि 1971 में भारत-पाकिस्तान के युद्ध के समय भी आईएनएस विक्रांत ने पाकिस्तानी नौसैनिकों के छक्के छुड़ा दिए थे. इस युद्ध में विक्रांत ने दुश्मन की घेराबंदी करने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका अदा की थी. 1961 से लेकर 1997 तक भारतीय नौसेना को अपनी सेवा देने वाला आईएनएस विक्रांत भारत का पहला विमान वाहक पोत था, जिसे भारतीय नौसेना ने ब्रिटेन के रॉयल नेवी से 1957 में ख़रीदा था.आईएनएस विक्रांत की लम्बाई 260 मीटर तथा चौड़ाई 60 मीटर है. भारतीय नौसेना के इस प्रसिद्ध पोत को जनवरी 1997 में सेवा मुक्त कर दिया गया था.
आईएनएस विक्रमादित्य
वैसे तो भारतीय नौसेना की ताकत दुनिया में अन्य देशोंं के मुकाबले कम नहीं है, लेकिन जबसे आईएनएस विक्रमादित्य भारतीय नौसेना का हिस्सा बना, तब से नौसेना की ताकत और बढ़ गई है. यह पोत भारतीय नौसेना का सबसे लंबा और बड़ा युद्धपोत माना जाता है. इस युद्धपोत में 30 लड़ाकू जहाजों को ले जाने की क्षमता है. इस पोत पर 31 हेलीकॉप्टर भी मौजूद हैं, जो विभिन्न हमले को रोकने की ताकत रखते हैं. लंबी दूरी के राडार से लैस यह पोत दुश्मन के किसी भी हमले की जानकारी से तुरंत अवगत करता है. यह पोत 283.5 मीटर लंबा है. 16 नवम्बर 2013 को भारतीय नौसेना में शामिल हुए इस पोत को भारत ने रूस से खरीदा था.
आइएनएस चक्र-2
जिस तरह गाजी जैसे प्रसिद्ध पाकिस्तानी पोत को मात देनी वाली पोत पनडुब्बी एस-21 को उसकी ताकत के लिए जाना जाता है, उसी तरह आइएनएस चक्र-2 पनडुब्बी भी अपनी क्षमता के लिए जानी जाती है. जानकर कहते हैं कि यह पनडुब्बी चीन और पाकिस्तान को कड़ा जवाब देने में सक्षम है. आइएनएस चक्र-2 को भारतीय नौसेना की सबसे बड़ी ताकत वाली पनडुब्बी कहा जाता है. यह पनडुब्बी हिन्द महासागर और अरब सागर में दुश्मनों पर निगरानी रखती है. इस पनडुब्बी का निर्माण रूस ने किया था. 4 अप्रैल 2014 को इसे भारतीय नौसेना में शामिल किया गया था.
आईएनएस कोलकाता
आईएनएस कोलकाता की गिनती भारत के ताकतवर युद्धपोतों में होती है. अत्याधुनिक हथियारों से लैस आईएनएस कोलकाता दुश्मन के पोतों को पलक झपकते ही डुबो देने की हैसियत रखता है. इस पोत में लगाए गए ज्यादातर हथियार और प्रणालियां भारत में ही निर्मित हैं. यह युद्ध पोत 30 अधिकारी और 300 नौसनिक तैनात किये जाने की क्षमता रखता है. आईएनएस कोलकाता की लंबाई 164 मीटर और चौड़ाई लगभग 18 मीटर है. इस पोत का नाम कोलकाता के नाम पर रखा गया है. 16 अगस्त, 2014 को इस पोत को नौसेना में शामिल किया गया था.
आईएनएस कोच्चि
समुद्र में दुश्मन को ललकारता आईएनएस कोच्चि समुद्री हवाई हमले में दुश्मन को मुह तोड़ जवाब देने में सक्षम माना जाता है. यह नई तकनीक के राडार से लैस है, जिस कारण यह दुश्मनों की मिसाइलों को किसी भी तरह से चकमा देने में माहिर है. यह पोत दुश्मनो के राडार से एक छोटी नौका जैसा दिखई देता हैं, जिस पर हेलीकाप्टर भी रखे जा सकते है. भारत में निर्मित आईएनएस कोच्चि अब तक सबसे बड़ा युद्धपोत माना जाता है. इस युद्ध पोत की लंबाई 164 मीटर और चौड़ाई 18 मीटर है. इस पोत का नाम केरल के प्रसिद्ध शहर कोच्चि के नाम पर रखा गया है. 30 सितम्बर 2015 को यह नौसेना में शामिल किया गया.
आईएनएस विराट
आपको बता दें कि विक्रांत के सेवा मुक्त हो जाने के बाद आईएनयस विराट ने ही विक्रांत की भरपाई की थी. विराट की गिनती भारत के प्रमुख युद्धपोत में होती है. जोकि भारतीय नौसेना का पहला एयरक्राफ्ट कैरियर युधपोत हैं. इसकी लम्बाई 226.5 मीटर और चौड़ाई 48.78 मीटर है. जानकारों की माने तो विराट को नौसेना के लोग बहूत प्यार करते थे, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता हैं कि नौसेना के पायलट ‘विराट’ को मां कहकर बुलाते थे. 57 वर्ष भारतीय नौसेना को अपनी सेवा देने वाला विराट को इसके पहले ब्रिटिश नेवी को भी अपनी सेवा दे चुका है. यह दुनिया का पहला युद्धपोत है, जिसके नाम सबसे लंबे समय तक सेवा देने का रिकॉर्ड है. हाल ही में इसके रिटायर होने की घोषणा की गयी थी.
आईएनएस कुठार
कुठार भारतीय नौसेना का प्रमुख युद्ध पोत है. यह पोत दुश्मन को मात देने में पूरी तरह से सक्षम है. इसका निर्माण भारत में हुआ है. बता दें कि कुठार पहले नौसेना के पश्चिमी कमान में था. बाद में यह नौसेना के पूर्वी कमान का हिसा बना. इस युद्धपोत की लम्बाई 91.1 मीटर और चौड़ाई 10.5 मीटर है. यह युद्धपोत 50 किमी. प्रति घण्टा की रफ़्तार तक समुद्र में भाग सकता है.
आईएनएस तलवार
आईएनएस तलवार प्रथम श्रेणी का पोत है, जिसका निर्माण रूस के सहयोग से किया गया था. भारतीय नौसेना में शामिल किये जाने के बाद से यह कई नौसैनिक ऑपरेशन में अपनी सेवाएं दे चुका है. इस पोत की इसकी लम्बाई 124.8 मीटर तथा चौड़ाई 15.2 मीटर हैं. इसकी खास बात यह है कि इसके ऊपर से हैलीकाप्टर भी उड़ान भर सकता है.
मारमुगाओ
मारमुगाओ भारतीय नौसेना का अब तक का सबसे शक्तिशाली युद्धपोत है. इसकी गिनती दुनिया के सर्वेश्रेष्ठ मारक पोतों में होती है. इस युद्धपोत की खसियत है कि यह पोत दुश्मन की मिसाइलों को चकमा देने के साथ परमाणु जैविक और रासायनिक युद्ध के समय बचाव करने की ताकत रखता है. इस पोत में 8 ब्रह्मोस और बराक मिसाइलें लगी हुई है. इसको 75,000 वर्ग किलोमीटर समुद्री सरहद की निगरानी कर पाने में सक्षम माना जाता है. इस जहाज मे ज्यादा से ज्यादा स्वदेशी तकनीक का इस्तेमाल किया गया है. हम कह सकते हैं कि यह स्वदेशी पोत है. इसका मारमुगाओ नाम गोवा के सबसे पुराने बन्दरगाह के नाम पर रखा गया है.
आईएनएस अरिहंत
आईएनएस अरिहंत भारत की पहली पनडुब्बी है, जिसका निर्माण स्वदेश में किया गया था. इस युद्धपोत की लंबाई 110 मीटर और चौड़ाई 11 मीटर है. बता दें कि पंचेंद्रिय नामक अत्याधुनिक सोनार प्रणाली से लैस इस पनडुब्बी में थल और आकाश के बाद जल के भीतर से परमाणु वार करने की क्षमता है. भारत विश्व का छठां देश है जिसके पास इस तरह की ताकत है.
Great 👌👍
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