रुस, अमेरिका जैसे बड़े देश भले ही अपनी मिसाइलों के लिए दुनिया में जाने जाते हैं, लेकिन भारत भी इस दौड़ में पीछे नहीं है. भारत के पास भी एक दो नहीं बल्कि ढ़ेरों ऐसी मिसाइलें हैं, जिनके नाम भर लेने से दुश्मन के चेहरे पर शिकन आ जाती है. बात करते हैं ऐसी ही कुछ मिसाइलों की:
निर्भय मिसाइल
यह एक लंबी दूरी का क्रूज मिसाइल है, जिसका इस्तेमाल थल, जल और वायु तीनों सेनाओं के लिये किया जायेगा. निर्भय की रेंज 1000 किलोमीटर होगी. इसका वजन लगभग 1500 किलो है. यह मिसाइल अपने साथ परमाणु हथियार ले जाने में भी सक्षम है. इस मिसाइल का परीक्षण कई बार किया जा चुका है और 2018 तक कामयाबी मिलने की उम्मीद है.
आकाश मिसाइल
भारत ने ज़मीन से हवा में मार करने वाली इस मिसाइल का परीक्षण 2003 में किया. 700 किलोग्राम के वज़न की क्षमता रखने वाली यह मिसाइल 55 किलोग्राम का पेलोड ले जा सकती है. इसकी गति 2.5 माक है. यह मिसाइल कई निशानों को एक साथ भेदने की क्षमता रखती है. यह मानव रहित वाहन, लड़ाकू विमान और हेलीकॉप्टरों से दागी मिसाइलों को भी नष्ट कर सकती है.
सूर्या मिसाइल
इस मिसाइल का निर्माण 1994 से डीआरडीओ में चल रहा है. यह मिसाइल अभी तैयार नहीं है. हालांकि भारत सरकार ने अभी तक अधिकारिक रूप से इस मिसाइल के बारे में खुलासा नहीं किया है. कहा जाता है कि इसकी क्षमता अग्नि से कहीं अधिक, यानी 5000 से 10000 किलोमीटर तक मार करने वाली होगी.
धनुष मिसाइल
देखा जाये तो यह मिसाइल असल में पृथ्वी-3 से बनी है. इस मिसाइल को खास तौर से नौसेना के इस्तेमाल के लिए विकसित किया गया है. इसकी रेंज 250 से 350 किलोमीटर है और यह 350 किलोमीटर तक की दूरी पर स्थित लक्ष्य को भेद सकती है. इसकी लंबाई दस मीटर और चौड़ाई एक मीटर है. यह 500 किलोग्राम तक के हथियार ढोने की क्षमता रखती है .
सागरिका मिसाइल
इस मिसाइल का निर्माण 1991 में शुरू हुआ और 2001 में यह बनकर तैयार हो गई थी. उसके बाद इसे नौसेना को दे दिया गया था. इस मिसाइल को समुद्र से भी दागा जा सकता है और यह परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम है. इस मिसाइल को 2008 में विशाखापट्नम के तट से छोड़ा गया था. यह मिसाइल 700 किलोमीटर की दूरी तक मार कर सकती है. इस तरह की मिसाइलें कुछ गिने चुने देशों के पास ही उपलब्ध हैं.
ब्रहमोस मिसाइल
भारत ने ध्वनि की गति से तेज़ चलने वाली इस सुपरसोनिक क्रूज़ मिसाइल का परीक्षण 28 अप्रैल 2002 को किया था. बाद में इसे ब्रहमोस का नाम दिया गया. भारत ने इसका निर्माण रूस के सहयोग से किया. यह मिसाइल 290 किलोमीटर तक की मार करने की क्षमता रखती है. इसका वजन तीन टन है. बता दें कि यह मिसाइल ध्वनि की गति से 2.8 गुना ज्यादा गति से उड़ान भर सकती है.
नाग मिसाइल
नाग भारत निर्मित टैंक भेदी मिसाइल है. रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) द्वारा विकसित नाग मिसाइल तीसरी पीढ़ी का ‘‘फायर एंड फॉर्गेट निर्देशित मिसाइल है, जो लक्ष्य का पता लगाने एवं उस पर वार करने की क्षमता से लैस है. इस मिसाइल की अधिकतम मारक क्षमता चार किलोमीटर है.
प्रहार मिसाइल
इस मिसाइल का परीक्षण जुलाई 2011 में किया गया था. इस मिसाइल की मारक क्षमता 150 किलोमीटर है. ये कई तरह के बम को ले जाने की क्षमता रखती है. इसकी लंबाई 7.3 मीटर, वजन 1280 किलोग्राम और डायामीटर 420 मिलीमीटर है. 200 किलोग्राम का पेलोड ले जाने की क्षमता रखने वाली इस मिसाइल का रिएक्शन टाइम काफी कम है.
अग्नि सीरीज
- अग्नि-1: मिसाइल का परिक्षण 2002 में किया गया था. यह मिसाइल 700 किलोमीटर तक मार करने की क्षमता रखती है. यह अब भारतीय सेना का हिस्सा है. समय समय पर सेना से जुड़े लोगों के प्रशिक्षण और उनकी कार्यक्षमता बढ़ाने के लिए लिए भी इसका प्रायोगिक परीक्षण किया जाता है.
- अग्नि-2: इस मिसाइल का सफल परीक्षण व्हीलर आईलैंड से मई 2010 में किया गया था. इससे पहले 2009 में दो बार परीक्षण असफल हो गया था. इसकी मारक क्षमता दो हजार किलोमीटर है. यह एक टन तक का पेलोड ले जा सकती है. इसमें अति आधुनिक नेवीगेशन सिस्टम तकनीक से लैस है. इसकी आकृति पेंसिल जैसी है.
- अग्नि-3: का परीक्षण पहले 2006 में परीक्षण किया था. जिसे आंशिक रूप से ही सफल बताया गया था. इस मिसाइल की मारक क्षमता 3500 किलोमीटर है. यह जमीन से जमीन पर मार करने वाली मिसाइल है. यह मिसाइल 17 मीटर लंबी है. अग्नि -3 परमाणु हथियार ले जाने की क्षमता रखने वाली मिसाइल है.
- अग्नि-4: इस मिसाइल का सफल प्रक्षेपण नवम्बर 2011 को उड़ीसा के व्हीलर द्वीप से किया गया. यह करीब तीन हज़ार किलोमीटर से अधिक दूरी तक सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइल है. इसमें आधुनिक तकनीकों का इस्तेमाल किया गया है. यह मिसाइल पहले की अन्य मिसाइलों से हल्की है. यह परमाणु हथियार ले जाने में भी सक्षम है.
- अग्नि 5: इस मिसाइल का परीक्षण 5 अप्रैल 2012 को किया गया, इसकी रेंज 5500 किलोमीटर है, इसे 7000 किलोमीटर तक बढ़ाया जा सकता है. इसे 2015 में भारतीय सेना को सौंप दिया गया था.
पृथ्वी सीरीज
- पृथ्वी-1: यह खासतौर पर थल सेना के लिए बनाई गई है, जो 150 किलोमीटर तक अपने दुश्मन को मार गिराने में सक्षम है. यह अपने साथ 1000 किलो बारूद ले जाने की क्षमता रखती है. इस मिसाइल को जमीन से दागा जाता है.
- पृथ्वी-2: इस मिसाइल का परीक्षण 2011 में ओड़िसा के चांदीपुर में किया गया था. इसकी मारक क्षमता 350 किलो मीटर है. यह मिसाइल सतह से सतह पर मार करने में सक्षम है. यह किसी भी एंटी बैलस्टिक मिसाइल को झांसा देकर निशाना साध सकती है.
- पृथ्वी-3: यह मिसाइल नौसेना के लिए बनाई गई है. इसका प्रक्षेपण किसी भी लड़ाकू जहाज से किया जा सकता है. इसकी रेंज 350 किलोमीटर है.
के-15 मिसाइल
यह भारत द्वारा निर्मित की गई मिसाइल है. यह एक ऐसी मिसाइल है जिसे पनडुब्बी से भी दागा जा सकता है. यह 1500 किलोमीटर तक मार करने में सक्षम है. इस मिसाइल ने परीक्षण के सभी मानकों को पूरा किया है.
त्रिशूल मिसाइल
यह मिसाइल भारत द्वारा विकसित मिसाइल है. यह मिसाइल 9 किलोमीटर मारक क्षमता वाली मिसाइल है. इसका वजन 130 किलो वजन का होता है. यह 15 किलो युद्ध विस्फोटक ले जाने में सक्षम है.
शौर्य मिसाइल
इसका परीक्षण उड़ीसा के चांदीपुर स्थित समेकित परीक्षण रेंज से किया गया था. इसमें 1000 किलोग्राम तक परमाणु सामग्री भरी जा सकती है. इसकी रेंज 750-1900 किलोमीटर की है.
मेरा भारत महान
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